EPS क्या है | ईपीएस देखना क्यों जरूरी होता है

EPS क्या है | ईपीएस देखना क्यों जरूरी होता है

हेलो दोस्तों स्वागत है आपका एक और नए लेख में आजके इस लेख में हम EPS क्या है और ईपीएस देखना क्यों जरूरी होता है इसकी जानकारी देंगे। Eps ka Full Form, Earning Per Share होता है। EPS का मतलब यह होता है कंपनी एक शेयर पर कितना मुनाफा कमाती है उसे ही ईपीएस कहा जाता है। PE रेशो निकालने के लिए EPS का उपयोग किया जाता है। अगर किसी कंपनी का ईपीएस ज्यादा है तो उस कंपनी को अच्छा माना जाता है।

ईपीएस की निकालने के लिए कंपनी की कुल कमाई को एक शेयर से विभाजित किया जाता है। इसी तरीके से per share अर्निंग मिलती है, जिसे प्रति शेयर आय कहा जाता है। चलिए EPS क्या है इसे विस्तार से जानते है।EPS क्या है | ईपीएस देखना क्यों जरूरी होता है

EPS क्या है?

ईपीएस का मतलब होता है प्रति शेयर आय। ईपीएस से हम पता लगा सकते है की किसी कंपनी की एक शेयर पर कितनी कमाई होती है। अगर किसी कंपनी का ईपीएस ज्यादा है तो उस कंपनी को उतना ही मजबूत माना जाता है। ईपीएस एक ऐसा नंबर है जो बताता है की कंपनी ने एक शेयर पर कितना मुनाफा कमाया। निवेश करने के लिए ईपीएस जानना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है जिससे कंपनी की अर्निंग पावर समझती है। जिससे हम कंपनी में निवेश कर सकते है। तो आपको EPS क्या है यश पता चला होगा।

उदाहरण के लिए
मान लीजिए की किसी कंपनी के शेयर की कीमत 1000 Rs है और उसके कुल शेयर्स भी 1000 हैं और वह 1 साल में 5000 Rs कमाती है तो उसका ईपीएस 5000 /1000 = 5 रुपये होगा।

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EPS कैसे निकाले

ईपीएस निकालने के लिए यह फार्मूला होता है-

ईपीएस निकालने का फार्मूला
EPS = टोटल इनकम – Preferred dividends / टोटल number of shares

इस फार्मूले की मदद से ईपीएस कैसे निकालते है यह जानते है-

अगर किसी कंपनी का साल 2023 में नेट प्रॉफिट 500 करोड़ है जिसमें से कंपनी ने निवेशकोंको 50 करोड़ का Preferred dividends दे दिया और कुल शेयर्स 10 करोड़ है

तो कम्पनी का इस साल के लिए ईपीएस होगा-

EPS = 500cr – 50cr / 10cr = 45 Rs

कंपनी प्रेफरड डिविडेंड नहीं देती तो ईपीएस निकालने के लिए नेट इनकम को उसके टोटल शेयर्स से डिवाइड करना पड़ता है।

EPS = टोटल इनकम – टोटल number of shares

500cr / 10cr = 50 रुपयेEPS क्या है | ईपीएस देखना क्यों जरूरी होता है

ईपीएस के प्रकार

ईपीएस के दो प्रकार है

  1. बेसिक ईपीएस (Basic EPS)
  2. डिल्यूटेड ईपीएस (Diluted EPS)

बेसिक ईपीएस (Basic EPS)-
Basic ईपीएस निकालने के लिए कंपनी एक साल में जो नेट इनकम कमाती है उसे कंपनी के टोटल शेयर से भाग दिया जाता है।

अगर कोई कंपनी साल में 500 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाती है और उसके Total shares 10 करोड़ है तो इस प्रकार उसका Basic EPS होगा-

Basic EPS = Net Profit / Total shares
500 करोड़ / 10 करोड़
50 रुपये कंपनी का ईपीएस होगा

डिल्यूटेड ईपीएस (Diluted EPS)
Diluted ईपीएस निकालने के लिए टोटल आउटस्टैंडिंग शेयर्स के साथ कन्वर्टिबल शेयर्स भी लेते है।

Diluted ईपीएस का फार्मूला इस प्रकार होगा

Diluted ईपीएस = Net Income – Preferred Dividend / Average Outstanding Common Shares + Convertible Shares

चलिए इसको उदाहरण से समझते है

अगर किसी कंपनी का नेट इनकम 500 cr और उसमे से डिवीडेंड 50 cr, आउटस्टैंडिंग शेयर्स 10 cr और कन्वर्टिबल शेयर्स 2cr हैं तो diluted ईपीएस होगा-

(500 cr – 50 cr) / (10 cr + 2 cr) = 37.5 रुपये

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EPS कितना होना चाहिए?

EPS कितना होना चाहिए यह कोई स्टैण्डर्ड नहीं हैं EPS कितना भी हो सकता है। हर एक कंपनीका EPS अलग-अलग हो सकता हैं। जब भी आप किसी कंपनीका एनालिसिस करते है तो उसका EPS जरूर देखना चहिए। की उस कंपनीका EPS हर साल बढ़ रहा है की नहीं। अगर कंपनीका EPS बढ़ रहा है तो यह अच्छा माना जाता है।

अगर किसी कंपनी का EPS नेगेटिव में हैं तो ऐसी कंपनियों में निवेश करना अच्छा नहीं होता। जैसे की किसी कंपनी का EPS इस साल 8 हैं और अगले साल यह 10 हो गया और इसके अगले साल 12 तो ऐसी कंपनिया निवेश के लिए अच्छी मानी जाती हैं।

आपको यह बात ध्यान रखने की जरूरत हैं की किसी भी स्टॉक को वैल्यू करने का EPS एक छोटा लेवल हैं। EPS अलावा भी कई महत्वपूर्ण चीजे होती हैं जो कंपनी में निवेश करते समय देखनी चाहिए।

EPS का महत्व

किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले बहुत सारे पैरामीटर देखने होते हैं। EPS भी एक महत्वपूर्ण फाइनेंसियल रेश्यो हैं।

  • अगर कंपनीका EPS लगातार बढ़ता है तो यह माना जाता है की कंपनी अच्छा प्रॉफिट कमा रही है यह आने वाले डिविडेंड को बढ़ा सकती है।
  • EPS का उपयोग करके हम अलग-अलग कंपनियों की आपस में तुलना कर सकते हैं।
  • PE रेश्यो और EPS को साथ में देखकर स्टॉक के वैल्यूएशन का अंदाजा लगा सकते हैं। P/E Ratio से हम स्टॉक के सस्ते या महंगा होने का पता लगा सकते है।
  • EPS के पास्ट ट्रेंड को देखकर हम कंपनी में निवेश करने या नहीं करने का फैसला कर सकते हैं।

EPS का सही यूज़ कैसे करें?

हमने ऊपर EPS को समझ लिया अब EPS का सही यूज को समझते है।
EPS का संबंध कंपनी के प्रॉफिट कमाने से होता हैं। आप सिर्फ 1 वर्ष का EPS देख कर कंपनी में निवेश करने का फैसला करते हैं तो आप गलत भी हो सकते हैं। किसी कंपनी का 1 वर्ष का EPS देखकर आप उसमे निवेश नहीं कर सकते इसलिए कंपनी का हिस्टोरिकल EPS भी देखना जरुरी होता जैसे कि 3 वर्ष या 5 वर्ष। हम इससे EPS की आजकी स्थिति का पता लगा सकते हैं।

EPS का उपयोग?

ईपीएस के बहुत सारे फायदे है उनमे से कुछ फायदे देखते है –

  • ईपीएस से कंपनी की अर्निंग पावर समझती है इसलिए निवेशक ज्यादा ईपीएस वाली कंपनियों निवेश करना पसंद करते है।
  • PE Ratio निकालने के लिए EPS का उपयोग किया जाता है।
  • ईपीएस का सही उपयोग तभी होता है जब आप किसी कंपनी का 3 से 5 साल का ईपीएस देखते है।
  • अगर किसी कंपनी का ईपीएस बढ़ रहा है, तो उस कंपनी कोअच्छी कंपनी माना जाता है।EPS क्या है | ईपीएस देखना क्यों जरूरी होता है

निष्कर्ष (EPS क्या है)

हमे उम्मीद है की आपको हमारी यह पोस्ट EPS क्या है और ईपीएस देखना क्यों जरूरी होता है पसंद आई होगी। अच्छे कंपनी में निवेश करने के लिए ईपीएस को समझना बहुत जरुरी है। इस पोस्ट के माद्यम से आपको EPS क्या है और ईपीएस कैसे निकालते है यह पता चला होगा। अगर इस पोस्ट के बारे में आपके मन में कोई डाउट है तो आप हमें कमेंट करके बता सकते है। इस पोस्ट आप अपने दोस्तोंके साथ शेयर जरूर करे।

FAQ

Q) किसी कंपनी का EPS कितना होना चाहिए?

Ans- किसी भी कंपनी या शेयर के लिए ईपीएस फिक्स नहीं होता यह 10, 15, 20 हो सकता है ईपीएस हमेशा पॉजिटिव होना चाहिए। जिससे कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी दिखती है अगर ईपीएस नेगेटिव में है तो वह कंपनी प्रॉफिट नहीं कमा रही है।

Q) कंपनी का ईपीएस कैसे चेक करते है?

Ans- अगर आपको कंपनी का ईपीएस चेक करना है तो आप उस कंपनी के Profit and Loss स्टेटमेंट चेक कर सकते है, कंपनियां अपने Basic और Diluted ईपीएस की जानकारी देती है। आप Internet पर जाकर वेबसाइट से भी कंपनी का ईपीएस पता कर सकते है।

Q) EPS क्या है?

Ans- EPS का अर्थ “Earnings Per Share” या “प्रति शेयर कमाई” होता है। ईपीएस कंपनी के पर शेयर की कमाई को दिखाता है। ईपीएस आमतौर पर 1 साल के लिए निकाला जाता है।

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